रवि टंडन के रग-रग में बसता था आगरा
फिल्म निर्माता, निर्देशक श्री रवि टंडन के निधन से फिल्म जगत को नहीं, आगरा को भी बहुत क्षति हुई है। भले ही उनसे आगरा छूट गया था, लेकिन उनका दिल इसी ताज नगरी में ही रहता था। मैंने जब-जब भी उनसे बात की, वे बहुत खुश होते थे और आगरा के संबंध में बहुत सी जानकारियां करते थे।
मैंने पहली बार उनसे संभवतः दिसंबर 2011 में फोन पर बात की। जब दैनिक जागरण में मैंने सितारों के सरताज कालम में आगरा के गौरवशाली विभूतियों के बारे में लिखा। वरिष्ठ रंगकर्मी स्व.जितेद्र रघुवंशी जी से टंडन जी का नंबर लेकर विस्तृत इंटरव्यू लिया। उसके बाद जब भी कोई वर्जन दैनिक जागरण के लिए लेना होता तो मैं उनसे बात करता। 21 सितंबर 2020 में जब नोएडा में फिल्म सिटी की घोषणा मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी ने की तो मैंने उसके संबंध में उनसे फोन पर बात की। वे काफी खुश हुए। उनका कहना था कि ऐसा लगता है कि मैं फिर से जवान हो जाऊं और उप्र में फिल्में बनाऊं। देश में कहीं भी उप्र के कलाकार होंगे, वे प्रदेश में फिल्म सिटी बनने की घोषणा से प्रसन्न होंगे। मुंबई में काम कर रहे उप्र के लोग अब वापस आने का मन बनाएंगे।
उन्होंने कहा था कि यदि उप्र में पहले ही फिल्म सिटी बन जाती तो उन्हें मुंबई आकर लंबे समय तक संघर्ष नहीं करना पड़ता। अब उप्र के लोगों को फिल्मों में काम करने का मौका मिलेगा, जिसमें प्रतिभा होगी वे बहुत आगे तक बढ़ेंगे।
टंडन जी ने मुख्यमंत्री योगी श्री आदित्यनाथ को बधाई देते हुए कहा था कि जितना उन्होंने प्रदेश के सांस्कृतिक विकास के लिए किया है, उतना किसी और ने नहीं किया। आगरा की साहित्य, संस्कृति की सराहना करते हुए टंडन ने कहा था कि यदि पहले ही फिल्म सिटी यूपी में होती तो नीरज, हरिवंश राय बच्चन जैसी बहुत सी विभूतियों को उत्तर प्रदेश छोड़कर मुंबई नहीं जाना पड़ता।
लीडर्स आगरा के कार्यक्रम में उन्हें अवार्ड दिया गया था। तब उनसे मैंने और हमारे मित्र डा.महेश धाकड़ ने वरिष्ठ रंगकर्मी रज्जू टंडन जी के कमला नगर स्थित आवास पर रवि टंडन जी का विस्तृत इंटरव्यू लिया था।
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