पिछले दिनों देश के विख्यात सन्त एवं शांतिदूत, नई पीढ़ी में सर्वाधिक आदरणीय पण्डित देवकीनन्दन ठाकुर जी से उनके व्रन्दावन स्थित शांतिसेवा धाम में मिलने का अवसर मिला। उन्होंने मुझसे करीब 15 साल पुरानी यादें ताजा की ओर मुझे जो स्नेह प्रदान किया, उसने मुझे ह्रदय गदगद हो गया। इस दौरान भगवान श्रीराम, श्रीरामलीला ओर युवा पीढ़ी में रामायण के परायण की जरूरत विषय पर विस्तृत बातचीत हुई।हालांकि एक भागवत समारोह में वे मुझे सम्मानित कर चुके है।पर यह मुलाकात अविस्मरणीय रही।
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