Thursday, July 25, 2024

लता मंगेशकर: मेरा सुंदर सपना टूट गया

लता मंगेशकरः मेरा सुंदर सपना टूट गया...
35 वर्षीय हिंदी पत्रकारिता में मैंने अनगिनत शख्सियतों के दर्शन किए, साक्षात्कार लिए, पर मेरी इच्छा थी कि एक बार आदरणीय लता मंगेशकर जी के भी दर्शन हो जाएं,  क्योंकि आदरणीय आशा भोसले जी से मेरी मुलाकात तो आगरा आगमन पर हो चुकी थी।मेरी मुख्य धारा की पत्रकारिता यानि 1991 के बाद उनका शुभागमन आगरा में नहीं हुआ, इसलिए उनसे मेरा मिलना नहीं हो पाया। 30 अगस्त सन् 2014 में मुझे संपत्ति ग्रुप राजकोट व एमफारयू के अश्वमेधा सम्मान के लिए भाई  श्री दुष्यंत प्रताप सिंह ने मुंबई आमंत्रित किया। तब मैंने काफी प्रयास किए उनसे मिलने के लिए। अपने राजश्री प्रोडक्शन के अपने मित्र के माध्यम से उन्हें पत्र भिजवाया। मुलाकात की बात भी हो गई। फिल्म कलाकार राजन यानि चार्ली चैप्लिन मेरे साथ थे। जब मैंने उनके आवास  पर फोन किया तो उसे लता मंगेशकर जी की बहन उषा मंगेशकर जी ने रिसीव किया। उन्होंने तब बताया कि उनका स्वास्थ्य अचानक खराब हो गया है। वे एक सप्ताह तक नहीं मिल सकती हैं। अतः भारी मन से हम उनसे बिना मिले, मुंबई से वापस लौट आए थे। 
उसके बाद से लगातार मेरा प्रयास रहा कि किसी तरह से उनसे मुलाकात हो जाए, लेकिन सफलता नहीं मिली। आज जब उनके निधन का समाचार मिला तो बहुत दुख हुआ। भगवान उनकी आत्मा को परम शांति प्रदान करें। बस उनका गाए गीत की यह पंक्तियां बार-बार याद आ रही हैं-जाने वाले से मुलाकात ना होने पाई...। 
आदर्श नंदन गुप्ता

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