Tuesday, August 29, 2023
Thursday, August 3, 2023
गुमनाम क्रांतिकारी,,,पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य
Wednesday, August 2, 2023
अमर उजाला, आगरा में शुरु हुई मेरी आलेख श्रंखला, गुमनाम क्रांतिकारी,,,,आज प्रथम आलेख।श्रंखला---स्वतंत्रता आंदोलन के गुमनाम क्रांतिकारीहर लाठी के बाद मुख से निकलता था “इंकलाब-जिंदाबाद”अंग्रेजों की पिटाई से जेल में शहीद हुए थे इंद्रचंद्र पैगोरियाप्रस्तुति-आदर्श नंदन गुप्त, वरिष्ठ पत्रकारआगराः फिदा वतन पर हो जो, आदमी दिलेर है वह,जो यह नहीं तो फकत हड्डियों का ढेर है वह ।भारतीय स्वाधीनता आंदोलन के इस महायज्ञ में जो आहुतियां दी गईं, उनमें अधिकांश नौजवान ही थे। जिन्होंने न अपने परिवार की चिंता की, न भविष्य की। फांसी के फंदों को चूम लिया, गोलियां खाईं या फिर ब्रिटिश पुलिस के अत्याचारों से तिल-तिल कर, जेलों में घुट-घुट कर अपने प्राणोत्सर्ग कर दिए। अमर शहीद इंद्रचंद्र पैगोरिया भी एक एसे 32 वर्षीय देशभक्त थे, जो हर सुबह “इंकलाब-जिंदाबाद” बोलते, जिससे आक्रोशित अंग्रेज सिपाही लाठियों से मारते। यह क्रम प्रतिदिन चलता था। इस अमानुषिक उत्पीड़न से इंद्र बीमार हो गए और जेल में ही उनकी शहादत हो गई थी। 1942 की अगस्त क्रांति में पूरा देश आंदोलित हो उठा था। क्योंकि इसे महात्मा गांधी ने अंतिम क्रांति घोषित कर दिया था और मंत्र दिया था “अंग्रेजो भारत छोड़ो”, “करो या मरो”। आगरा शहर में भी यह जन क्रांति पूरी तरह से बेकाबू हो गई थी। सरकारी कार्यालयों को आग लगाई गई। रेल की पटरियां उखाड़ी गईं। हर तरफ आंदोलन ही आंदोलन थे।इसी आंदोलन के तहत राया (मथुरा) के स्टेशन को फूंकने के लिए आगरा और मथुरा के युवकों का एक दल पहुंचा, इनमें इंद्रचंद्र पैगोरिया, नेकराम शर्मा,बाबूलाल शर्मा, बंगालीमल अग्रवाल, ओमप्रकाश तिवारी, कुंवर बहादुर सिंह, गुरु प्रसाद, ओंकारनाथ,रामबाबू, भगवानदास शामिल थे। मुखबिर की सूचना पर पुलिस पहले ही सतर्क हो गई थी। उसने सभी को गिरफ्तार कर लिया। उनमें शामिल इंद्रचंद्र पैगोरिया को भारत रक्षा कानून की धारा 35 और 38 के तहत दो वर्ष की सजा दी गई और मथुरा की जिला जेल में भेज दिया। उसके बाद आगरा जिला कारागार में रखने के बाद कोलकाता की अलीपुर जेल में पहुंचा दिया। इस जेल में पहुंच कर उन्होंने एक नया क्रम बना लिया, सुबह उठते ही पूरे जोश के साथ “इंकलाब-जिंदाबाद” का घोष करते थे। यह सुनकर वहां के जेलर का पारा हाई हो जाता था और उन्हें बेरहमी से पिटवाता था। लेकिन उनके जोश में कोई कमी नहीं आती थी। हार कर अंग्रेज प्रशासन ने उन्हें सुल्तानपुर भेज दिया। तब तक उनका शरीर जर्जर और बीमार हो चुका था और वहां वे एक जनवरी 1943 को उन्होंने अंतिम सांस ली। आगरा का यह लाड़ला शहीद हो गया। -------------नेताजी सुभाषचंद बोस से था परिचयइंद्रचंद्र पैगोरिया का जन्म सन् 1911 में आगरा की फतेहाबाद तहसील के गांव जयनगर में चिकित्सक पिता विधिचंद व माता भाग्यवती के यहां हुआ था। इनकी मां भाग्यवती देवी महान क्रांतिकारी लाला लाजपतराय की छोटी बहन थीं। इंद्रचंद्र के भाई डा.हरिश्चंद्र पैगोरिया भी कई बार जेल हो आए थे। 1939 में एमएससी की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद इंद्रचंद्र स्वाधीनता आंदोलन में कूद पड़े थे। इनका नेताजी सुभाषचंद बोस से भी परिचय था। इन्हीं के कहने पर सन् 1940 में आगरा आए थे और मोतीगंज की चुंगी के मैदान में सभा की थी। इंद्रचंद्र पैगोरिया को उनकी शहादत के बाद जो मान-सम्मान मिलना चाहिए था, वह नहीं मिला। न शासन ने उनकी सुध ली न प्रशासन ने। माथुर वैश्य समाज ने अभी अपनी एक पुस्तक स्वाधीनता सेनानियों पर प्रकाशित की है। उसमें भी उनका कोई उल्लेख नहीं है। आदर्श नंदन गुप्ता, ए-3, सीताराम कालोनी, फेस-1, बल्केश्वर, आगरा। मोबाइल नंबर-9837069255
Monday, July 17, 2023
लता मंगेशकर,,,, मेरा सुंदर सपना टूट गया
1978 के बाढ़ वाले दहशत भरे दिन
Sunday, July 16, 2023
मैं आगरा हूं वीडियो । सौजन्य से आदरणीय डॉ राजेंद्र पेंसिया जी। आलेख आदर्श नंदन गुप्ता । पद्य रचना श्रीमती निशीराज।
Sunday, July 9, 2023
तोरा गांव के मोगरा से महके बांके बिहारी मंदिर
Thursday, June 15, 2023
कल उमड़ी थी, मिट आज चली
भेरों बाजार की सेंट्रल बैक से था पुराना नाता
सुखद स्मृति आकाशवाणी की
Tuesday, March 28, 2023
कल उमड़ी थी, मिट आज चली
Tuesday, January 10, 2023
Monday, January 9, 2023
केशरीनाथ त्रिपाठी ने किया था नमन वीडियो का विमोचन
सरल एवं सादगी के प्रतिरूप थे केशरीनाथ त्रिपाठी जी
केशरीनाथ जी ने करुणेश जी पर बनी नमन एलबम का किया था विमोचन
6 दिसंबर 2004 को ताज प्रेस क्लब द्वारा माथुर वैश्य महासभा भवन में पद्मश्री व पद्म भूषण कवि नीरज जी के 80 वे जन्मदिवस को गौरव महोत्सव के रूप में मनाया गया था। इसमें प्रदेश विधानसभा के तत्कालीन अध्यक्ष श्री केशरी नाथ त्रिपाठी व श्रीमती सुषमा स्वराज मुख्य रूप से उपस्थित थीं। मंच पर डा.भीमराव आंबेडकर विवि के पूर्व कुलपति डा.अगम प्रसाद माथुर, समाजसेवी स्व. धर्मपाल विद्यार्थी व ताज प्रेस क्लब के तत्कालीन अध्यक्ष गजेंद्र यादव भी मंचासीन थे।
साहित्यसेवी आदर्श नंदन गुप्ता ने बताया कि कवि नीरज के इस गौरव महोत्सव में श्रीमती सुषमा स्वराज्य व श्री केशरी नाथ त्रिपाठी ने स्वाधीनता सेनानी स्व.रोशनलाल गुप्त करुणेश के जीवन पर मून टीवी द्वारा बनाई वीडियो एलबम नमन का विमोचन भी किया था। मून टीवी के डायरेक्टर श्री राहुल पालीवाल व संपादक श्री राजीव दीक्षित के निर्देशन में बनी इस एलबम की निर्माम व एंकंरिंग गुंजन शर्मा बेहतरीन तरीके से की है और उसे शूट किया था हरीओम ने। उस समय केशरीनाथ त्रिपाठी ने करुणेश के स्वाधीनता आंदोलन क्रांतिकारी भूमिका को काफी सराहा था।
इसके अलावा केशरी नाथ जी समय-समय पर आगरा आए और मेरी उनसे मुलाकात, बातचीत भी हुई। चूंकि नीरज जी से वे बहुत प्रभावित थे, अतः उनके हर कार्यक्रम में वे आते थे। समाजसेवी कांतिभाई पटेल से भी केशरीनाथ जी प्रभावित रहे। कांतिभाई पटेल की पुस्तक कृष्ण गौरवगाथा का विमोचन 5 मई 2003 को केशरीनाथ ने किया था। कांतिभाई पटेल के अमृत महोत्सव में भी वे मुख्य अतिथि थे। तभी भी मेरी उनसे बातचीत और मुलाकात रही। उनके निधन से हमने सच्चे और ईमानदार नेता को खो दिया है। उनके निधन पर में शोक व्यक्त करते हुए हार्दिक श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।