Sunday, October 11, 2020

ताज महल के प्रति दीवानगी थी अमिताभ बच्चन में

अमिताभ से तीन मुलाकात, हर बार दिखे जोश से लवरेज

कुछ विभूतियों को तो जैसे भगवान ने खासतौर पर इस धरती पर भेजा है उनमें से एक शहनशाह अमिताभ बच्चन भी है। जब भी मुलाकात हुई, उनके चेहरे पर चमक दिखी, सदैव जोश से लबरेज़ दिखे, जब चलते हुए देखा तो वास्तव में लगा कि कोई शहंशाह चल रहा है। 
पहली बार अमिताभ से मेरी मुलाकात वर्ष 2005 में हुई। मेहताब बाग में बंटी और बबली की शूटिंग में हुई। चाक चौबंद सुरक्षा व्यवस्था के बाबजूद में वहां कवरेज के लिए पहुंच गया। लंबे लंबे डग भरते हुए जब उन्हें आपने सामने से गुजरते हुए देखा, तो लगा कि कोई महामानव चला जा रहा है।
शाम को एक पंचतारा होटल में पहुँचे, वहां उनके साथ अमर सिंह और फ़िल्म निर्देशक भी थे। हम लोगो के साथ भाई अमी आधार निडर थे। हम सबसे लंबी बातचीत उस दौरान हुई।
🌸वर्ष 2007 में सूत्रों से पता चला कि अमिताभ बच्चन होटल अमर विलास में आए हुए है। फिर क्या था, वहां डेरा डाल दिया। वे यहाँ ऐश्वर्य राय का जन्मदिन मनाने आए थे। उनके साथ तब अमर सिंह, अभिषेक बच्चन,जया बच्चन, ऐश्वर्या थे। तब मेरे पास छोटा सा कैमरा भी था, जिससे मेने इन सबकी छोटी सी वीडियो बनाई थी।

🌸20 अक्टूबर 2009 को मैक्स    विजय कार्यक्रम तारघर मैदान  में हुआ । जिसमें कई लोगो का सम्मान किया गया था।उसके बाद एक होटल में प्रेस वार्ता हुई थी।
 🌸दादा साहब फाल्के अवार्ड किसी को यू ही नही मिल जाता। अमिताभ इस लायक है। वे इस सदी के महानायक हैं। उंन्हे यह मिल रहा है, उसके लिए उंन्हे बधाई।
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21 अक्टूबर 2009 को मैक्स  विजय कार्यक्रम तारघर मैदान, शहजादी मंडी  में हुआ, जिसमें कई शख्सितयों को उन्होंने सम्मानित किया गया था।शाम को उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा था इनाम और खिताबों को ज्यादा अहमियत नहीं देते। बीबीसी ने एक बार इंटरनेट पर वोटिंग कराई थी, जिसमें उन्हें बालीवुड के महानायक का खिताब दे दिया था, लेकिन मैं अपने बाबूजी (कवि हरिवंश राय बच्चन) के पद चिन्हों पर ही चल कर समाज के काम आना चाहता हूं। अभिषेक व एश्वर्या से भी उम्मीद है कि वे भी बाबूजी के बताए रास्ते पर चलेंगे। बंटी और बबली फिल्म की शूटिंग के दिनों को याद करते हुए उन्होंने बताया कि पुरानी फिल्म रेशमा और शेरा की शूटिंग भी यहां हुई थी। उनके साथ राखी भी थीं। छात्र जीवन की याद करते हुए उन्होंने पत्रकारों को बताया था कि कालेज में पढने के बाद वे नौकरी की तलाश में भी रहे, लेकिन सफल नहीं हुए। इसके बाद आल इंडिया रेडियो में भी कुछ साल तक काम किया था।
 विज्ञापन यूपी में दम है, क्योंकि यहां जुर्म कम है की शूटिंग आगरा और फतेहपुर सीकरी में हुई थी, तब भी अमिताभ आगरा आए थे।

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