Saturday, October 10, 2020

मेरी पत्रकारिता की परीक्षा था गुरुदास मान का इंटरव्यू

संस्मरण-7

मेरी पत्रकारिता की परीक्षा था गुरुदास मान का इंटरव्यू

अमर उजाला में वर्ष 1991 में सांस्कृतिक पत्रकारिता शुरू कर चुका था। कुछ छोटे-छोटे समाचार छपने लगे थे। नौ नवंबर को आगरा में पंजाबी गायक गुरुदास मान आए। उन दिनों उनका दिल दा मामला जैसे कई गीत सुपर हिट हो चुके थे। लायंस क्लब आगरा यूनाइटेड ने उत्तरकाशी के भूकंप पीड़ितों की सहायतार्थ गुरुदास मान नाइट का आयोजन होटल क्लार्क शिराज में किया। अमर उजाला के डायनमिक सिटी इंचार्ज श्री राजीव दधीच थे। उन्होंने ही अमर उजाला में मेरी पत्रतकारिता की शुरू कराई थी। उन्होंने कहा आदर्श, आज तुम्हारी परीक्षा की घ़ड़ी है, तुम्हें हर हालत में गुरुदास मान का इंटरव्यू करना है।
फील्ड में पहली बार उतरा थे। कैसे, कहां क्या, कुछ पता नहीं था। फोटो जर्नलिस्ट श्रीजगदीश के साथ होटल क्लार्क शिराज पहुंचा। वहां इंटरव्यू के लिए प्रयास किए, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली। मान ने कहलवा दिया कि कार्यक्रम से पहले वे रियाज करते हैं, इसलिए वे किसी से नहीं मिलते। मैं बड़ा परेशान, आखिर परीक्षा की घड़ी थी। उनके कार्यक्रम का कवरेज किया। मुख्य अतिथि तत्कालीन मंडलायुक्त बीके चतुर्वेदी ने कार्यक्रम का शुभारंभ किया। गुरुदास ने ये सिला मिला हैं,दोस्ती के पीछे, दिल दा मामला है, जैसे कई गीत सुनाकर माहौल को खुशनुमा बना दिया। कार्यक्रम का कवरेज मैंने भाई जगदीश को लिखकर दे दिया। कार्यक्रम के समापन के बाद आयोजकों के माध्यम से मान से मिलने का प्रयास किया। उन्होंने रूम पर बुला लिया। आधी रात के बाद वे थके हुए थे, लेकिन मुझे तो साक्षात्कार लेना ही था। उन्होंने बड़े प्रेम से बातें की।
दूसरे दिन यह एक्सक्लूसिव इंटरव्यू तीन कालम में प्रकाशित हुआ तो अखबार के साथ-साथ मेरी भी वाहृ-वाही हुई। 27 फरवरी 1990 को गुरुदास मान ताजमहोत्सव में भी आए। उसके बाद उनका कई बार उनका आगमन हुआ। उनसे मुलाकात और बात होती रही, लेकिन पहला इंटरव्यू मेरी पत्रकारिता की सफल परीक्षा साबित हुआ।

(गुरुदास मान-एक परिचय ---इंटरनेट से

गुरुदास मान ने गायन के अलावा वारिस शाह-इश्क दा वारिस, लोंग दा लश्करा, शहीद-ए-मुहब्बत (बूटा सिंह) ,  वीर-जारा समेत 50 से ज्यादा पंजाबी, हिंदी, हरियाणवी फिल्मों में अभिनय किया है। दूरदर्शन दिल्ली के पॉप टाइम्स नामक प्रसिद्ध शो को भी लिखा और निर्देशित किया। सितम्बर 2010 में ब्रिटेन के वोल्वरहैम्टन विश्वविद्यालय ने गुरदास जी को विश्व संगीत में डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित किया। 14 दिसम्बर 2012 को उन्हें पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला के 36वें दीक्षांत समारोह में राज्यपाल ने डाक्टर ऑफ लिटरेचर की मानद उपाधि से सम्मानित किया है। वे अपनी मंजिल की ओर लगातार बढ़ते जा रहे हैं।

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