Saturday, October 10, 2020

क्रांतिकारियों की भाभी थी दुर्गा

संस्मरण 8(   जयंती 7 अक्टूबर)

क्रांतिकारियों की भाभी दुर्गाः जिनके लिए बम और रिवाल्वर खिलौने थे

चित्र में दिखाई दे रहीं बहुत ही सहज, सरल सी दिखने वाली बुजुर्ग महिला के बारे में किसी को भी सहज विश्वास नहीं होगा कि क्रांतिकारियों की यह परम श्रद्धेय दुर्गा भाभी हैं, वे बम और रिवाल्वर को खिलौना समझती थीं। सात अक्टूबर को इनका जन्मदिन है।

कोलकाता के अधिवेशन में अमर शहीद भगत सिंह को बचा कर ले जाने में इनकी प्रमुख भूमिका थी। भगत सिंह हैट लगाकर अंग्रेज जैसे थे, दुर्गा भाभी उनकी पत्नी और अमर शहीद राजगुरु उनके नौकर बने थे। क्रांतिकारियों के मास्टर माइंड क्रांतिकारी भगवती चरण बोहरा की पत्नी थीं। भाभी बम बनाने में भी एक्सपर्ट थीं। असेंबली बम कांड के बाद भगत सिंह आदि क्रांतिकारी गिरफ्तार हो गए थे। दुर्गा जी ने उन्हें छुड़ाने के लिए वकील को पैसे देने के लिए सारे गहने बेच तीन हजार रुपए दिए थे। एक बम बनाते समय इनके पति भगवती चरण बोहरा जी चिथड़े उड़ गए थे।

शहीदों की अर्धशताब्दी समारोह का आयोजन जब

आगरा में हुआ तब, वे क्रांतिकारी, इतिहासकार श्रीमन्मथनाथ गुप्त, भगत सिंह के साथी क्रांतिकारी श्री शिव वर्मा, क्रांतिकारी श्री जयदेव कपूर के साथ दुर्गा भाभी भी थीं। उसके बाद 6 अक्टूबर 1985 को जब क्रांतिकारी शिव वर्मा जी का नागरिक अभिनंदन सरदार भगत सिंह शहीद स्मारक समिति ने किया, तब भी दुर्गा भाभी जी आईं थी। तब मुझे उनका सम्मान करने का मौका मिला। उसके बाद ले कई बार आगरा आईं और मुझे उनके साक्षात्कार का मौका मिला।

मेरे पूज्य पिताजी स्वाधीनता सेनानी स्व.रोशनलाल करुणेश से उनका परिचय था। उन्होंने लखनऊ के मांटेसरी स्कूल खोला था, जो आज भी संचालित है। उनसे लगातार पत्राचार होता रहता था। दुर्गा भाभी सहित इन सभी क्रांतिकारियों ने अभिनंदन ग्रंथ में पिताजी के बारे में भी विचार लिखे थे।

मैं जब भी दुर्गा भाभी जी क्रांतिकारी जीवन पर विचार करता हूं तो मेरा मस्तक श्रद्धा से झुक जाता है। उनसे मुलाकात के क्षण याद आते ही मैं रोमांचित हो उठता हूं।

(चित्र में क्रांतिकारी श्रद्धेय दुर्गा भाभी जी को माल्यार्पण करता हुआ मैं, 6 अक्टूबर 1985, क्रांतिकारी शिव वर्मा अभिनंदन समारोह)

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